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    सॉरी मम्मी, पापा… JEE Mains के रिजल्ट के बाद छात्रा ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट पढ़कर कांप जाएंगे

    गोरखपुर में एक कोचिंग सेंटर में इंजीनियरिंग (JEE-Mains) की तैयारी कर रही 22 वर्षीय छात्रा ने हॉस्टल के अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. यह घटना बेतियाहाता स्थित सत्यदीप गर्ल्स हॉस्टल में हुई. मृतका की पहचान अदिति मिश्रा उर्फ रिमझिम के रूप में हुई, जो संत कबीर नगर जिले के मेहदावल की रहने वाली थी.

    अदिति अपनी एक सहेली के साथ गर्ल्स हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रही थी. बुधवार को जब उसकी सहेली कुछ सामान लेने बाहर गई हुई थी, तब अदिति ने यह कदम उठाया. दोपहर 12:30 बजे जब सहेली वापस लौटी तो दरवाजा अंदर से बंद मिला. कई बार आवाज देने के बाद भी कोई जवाब नहीं मिला तो घबराकर उसने हॉस्टल के कर्मचारियों को इसकी जानकारी दी.

    नजारा देखकर सब हैरान

    कर्मचारियों ने दरवाजा खोलने की कोशिश की, लेकिन जब कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली तो दरवाजा तोड़ दिया गया. अंदर का नजारा देखकर सब हैरान रह गए. अदिति का शव पंखे से लटका हुआ था. घटना की सूचना मिलते ही कैंट थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.

    सुसाइड नोट में क्या लिखा था?

    पुलिस को कमरे की तलाशी के दौरान एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें अदिति ने लिखा था, “मम्मी-पापा, मुझे माफ कर देना. मैंने बहुत कोशिश की, लेकिन अब और नहीं सह सकती. आप हमेशा खुश रहना और यह मत सोचना कि आपकी वजह से मैंने ऐसा किया. मैं आपसे बहुत प्यार करती हूं.” सुसाइड नोट पढ़कर वहां मौजूद सभी की आंखें नम हो गईं. अदिति के माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है.

    आत्महत्या की वजह अब तक साफ नहीं

    अदिति ने आत्महत्या क्यों की, इस पर अभी भी सवाल बना हुआ है. पुलिस सभी संभावित कारणों की जांच कर रही है. एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि पुलिस इस घटना से जुड़े हर पहलू की जांच कर रही है. अदिति के शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है, जिससे आत्महत्या के कारणों को स्पष्ट करने में मदद मिलेगी. इस घटना ने एक बार फिर से छात्रों पर पढ़ाई और अन्य कारणों से बढ़ते मानसिक दबाव को उजागर किया है.

    छात्रा के सुसाइड पर बिजनेसमैन गौतम अडानी ने जताया दुख

    वहीं देश के बड़े बिजनेसमैन गौमत अडानी ने भी छात्रा अंजलि मिश्रा के सुसाइड पर दुख जताया. उन्होंने अपने ‘X’ अकाउंट से पोस्ट कर लिखा, “अपेक्षाओं के बोझ तले दबकर एक होनहार बेटी का यूं चले जाना हृदयविदारक है. जीवन किसी भी परीक्षा से बड़ा होता है- यह बात अभिभावकों को खुद भी समझनी होगी और बच्चों को भी समझानी होगी. मैं पढ़ाई में बहुत सामान्य था. पढ़ाई एवं जीवन में कई बार असफल भी हुआ, लेकिन हर बार जिंदगी ने नया रास्ता दिखाया. मेरी आप सभी से बस इतनी सी विनती है- असफलता को कभी आखिरी मंजिल न समझें, क्योंकि जिंदगी हमेशा दूसरा मौका देती है!”

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