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    आगरा का संजलि हत्याकांड: कोर्ट ने दो दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई, मां बोलीं- ‘हत्यारों को हो फांसी’

    आगरा: उत्तर प्रदेश आगरा चर्चित संजलि हत्याकांड में मंगलवार को कोर्ट का फैसला आ गया। कोर्ट ने दो आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोषियों पर 5.23 लाख का अर्थदंड भी लगाया है। हत्याकांड में शामिल दोनों साल 2019 से जमानत पर छूटे हुए थे। एडीजे (एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज) 17 नितिन कुमार ठाकुर की कोर्ट ने गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर दोषियों को सजा सुनाई है। छह साल से चल रहे इस मामले में फैसला आने के बाद बेटी के परिवारीजनों ने राहत की सांस ली है।

    मामला 18 दिसंबर 2018 का है। मलपुरा के गांव लालऊ की रहने वाली 15 साल की संजलि स्कूल से घर लौट रही थी। रास्ते में बाइक सवार दो लोगों ने उसके ऊपर पेट्रोल छिडक़ कर आग लगा दी। बुरी तरह से जली संजलि को एसएन मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया। इसके बाद उसे दिल्ली के सफदरगंज में भर्ती कराया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। कुछ ही दिनों में पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा कर दिया। दो युवक आकाश और विजय को अरेस्ट कर उन्हें जेल भेजा गया।

    ताऊ का लड़का था मुख्य आरोपी

    संजलि की ह़त्या करने वाला उसका ताऊ का लडक़ा योगेश था। योगेश ने अपने प्लान में दो साथी विजय और आकाश शामिल किया। दरअसल योगेश अपने चाचा की लड़की संजलि से एकतरफा प्यार करता था। पहले दोनों में अच्छी खासी दोस्ती थी, लेकिन बाद में संजलि से उससे बात करनी बंद कर दी। इससे नाराज होकर योगेश ने संजलि की हत्या को अंजाम दिया। मलपुरा नहर के पास वह बाइक पर पेट्रोल का डिब्बा लेकर खड़ा था। बाइक उसका दोस्त आकाश चला रहा था। योगेश का इशारा करते ही आकाश ने संजलि की साइकिल के आगे बाइक लगा दी। योगेश ने उसके ऊपर पेट्रोल छिड़क दी और लाइटर से आग लगाकर फरार हो गए। जबकि तीसरा दोस्त विजय वहीं रुक गया था।

    योगेश ने कर लिया था सुसाइड

    संजलि ने अपनी मौत से पहले मजिस्ट्रेट को बयान दिए थे। जिसकेे आधार पर जांच शुरू हुई। अपने फंसने के डर से घबराए योगेश ने विषाख्त खाकर अपनी जान दे दी। पुलिस ने आकाश और विजय को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। कुछ महीने जेल में रहने के बाद आकाश और विजय को जमानत मिल गई थी।

    26 गवाहों और साक्ष्यों पर सुनाई सजा

    इस पूरे मामले में पुलिस ने माता-पिता, भाई समेत 100 से अधिक गवाह बनाए। घटना में इस्तेमाल की गईं बाइक, पेट्रोल पंप के सीसीटीवी फुटेज, पीजी कालेज के स्काउट एंड गाइड की कार्यशाला से 17 और 18 की अनुपस्थिति, संजलि को लिखे गए योगेश के पत्र, डिजिटल साक्ष्य न्यायाल में पेश किए गए थे। एडीजे 17 नितिन कुमार ठाकुर की कोर्ट ने मंगलवार को सभी गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर आकाश और विजय को दोषी माना। कोर्ट ने दोनों को आजीवन कारावास और 5.23 लाख का जुर्माना लगाया है। अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) सत्य प्रकाश धाकड़ ने मामले में दमदार पैरवी की।

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