More

    नोएडा स्पोर्ट्स सिटी घोटाला: तीन बिल्डरों पर CBI की FIR, अफसरों से मिलकर खरीदारों के पैसे हड़पने का आरोप

    सीबीआई ने नोएडा स्पोर्ट्स सिटी घोटाले में तीन एफआईआर दर्ज करने के बाद बिल्डरों से पूछताछ शुरू कर दी है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार शुक्रवार को सीबीआई की एक टीम ने नोएडा आकर दो बिल्डरों से पूछताछ की। टीम ने शाम को प्राधिकरण दफ्तर में स्पोर्ट्स सिटी से जुड़े दस्तावेज खंगाले।

    सीबीआई ने बिल्डरों से उनकी परियोजनाओं के लिए जमीन आवंटन, बेचे गए भूखंड, शेल कंपनियों समेत कई बिंदुओं पर जानकारी ली। सीबीआई जल्द ही एक और परियोजना में केस दर्ज कर सकती है। अगले सप्ताह ईडी भी स्पोर्ट्स सिटी मामले की जांच शुरू कर सकती है। सीबीआई की तरफ से पहली एफआईआर लॉजिक्स इंफ्रा डेवेलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और दूसरी लोटस ग्रीन कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर की गई।

    दोनों पर वर्ष 2011 से 2017 तक बिल्डरों, कंसोर्टियम और नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ मिलकर कथित तौर पर घर खरीदारों के रुपये हड़पने का आरोप है।

    गौरतलब है कि करीब तीन सप्ताह पहले हाईकोर्ट ने अलग-अलग याचिकाओं में सीबीआई, ईडी और नोएडा प्राधिकरण को कार्रवाई के आदेश दिए थे। इसके बाद जांच में तेजी आ गई है।

    सीबीआई ने 6 आरोपी बनाए : सीबीआई ने अपनी एफआईआर में छह आरोपी बनाए हैं। लॉजिक्स इंफ्रा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड को पहला आरोपी बनाया है। इसके अलावा कंपनी के डायरेक्टर शक्ति नाथ, मीना नाथ और विक्रम नाथ शामिल है। वहीं, नोएडा प्राधिकरण के अज्ञात अधिकारी और अन्य अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इसी तरह दूसरी एफआईआर लोटस ग्रीन कंस्ट्रक्शन पर की गई है। ये परियोजना सेक्टर-150 एससी-1 और इससे जुड़ी 12 सबलीज कंपनियों से जुड़ी है, जिसमें सभी 12 के नाम शामिल हैं।

    मुकदमे में हाईकोर्ट के आदेश का हवाला

    सीबीआई ने लोटस ग्रीन कंस्ट्रक्शन के निदेशक निर्मल सिंह, विद्युर भारद्वाज, सुरप्रीत सिंह सूरी और नोएडा प्राधिकरण के अज्ञात अधिकारी और एक अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया है। एफआईआर में हाईकोर्ट के आदेश का हवाला दिया गया है। इसमें लोटस ग्रीन के अलावा उनकी सब लीज में करीब 24 कंपनियों को भी शामिल किया गया है। ये परियोजना सेक्टर-150 एससी-1/ए और एस-2 से जुड़ी है। इसके अलावा जनायडु स्टेट के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

    सीएजी के रिपोर्ट के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई

    सीएजी ने वर्ष 2021 में ऑडिट रिपोर्ट शासन को सौंप दी थी। चार साल बाद भी शासन स्तर से जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। नोएडा प्राधिकरण और न ही राज्य सरकार ने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने या बिल्डरों से बकाया वसूलने जैसी कोई कार्रवाई की। सिर्फ बकाया जमा करने के लिए खानापूर्ति के लिए नोटिस भेजे गए। इस मामले में उच्च न्यायालय ने नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों को फटकार लगाई थी।

    कैग ने नौ हजार करोड़ का घोटाला बताया था

    सीएजी (कैग) ने नोएडा विकास प्राधिकरण के वर्ष 2005 से लेकर 2017 तक के कामकाज की जांच की थी। इसमें स्पोर्ट्स सिटी में करीब नौ हजार करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया था। ऑडिट में पाया गया कि बिल्डरों को सस्ती दरों पर जमीन दी गई। बिल्डरों द्वारा नोएडा प्राधिकरण को साइड लाइन करते हुए स्वामित्व का अनाधिकृत हस्तांतरण किया गया। लीज प्रीमियम, जुर्माना और ट्रांसफर चार्ज तक नहीं दिए गए।

    उच्च न्यायालय का आदेश

    ● नोएडा प्राधिकरण बकाये की ताजा गणना कर संबंधित बिल्डर को नोटिस जारी करे। बिल्डर को चाहिए कि तीन महीने के अंदर बकाया जमा करे।

    ● खेल सुविधाएं विकसित करने की शर्त पर ही बिल्डर अधिभोग प्रमाणपत्र के लिए आवेदन करेगा।

    ● बिल्डर की जमा रकम को जब्त कर बैंक की ब्याज दरों के हिसाब से खरीदारों को राशि लौटाई जाएगी।

    सीबीआई ने तीन मामले दर्ज किए

    न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक, सीबीआई ने वर्ष 2011 से 2014 के बीच नोएडा में ‘स्पोर्ट्स सिटी परियोजनाओं’ के आवंटन, विकास और मंजूरी में कथित अनियमितताओं को लेकर 3 मामले दर्ज किए हैं। अधिकारियों ने शुक्रवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह अनियमितताएं बाद में 9000 करोड़ रुपये के घोटाले के रूप में सामने आईं। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर कार्रवाई करते हुए सीबीआई ने रियल एस्टेट फर्म ‘लॉजिक्स इंफ्रा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड’, ‘जनाडू एस्टेट्स प्राइवेट लिमिटेड’ व ‘लोटस ग्रीन कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड’, उनके निदेशकों और नोएडा प्राधिकरण के कुछ अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर छापेमारी की। कंपनियों की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई। एक अधिकारी के अनुसार, नोएडा स्पोर्ट सिटी परियोजना का उद्देश्य नोएडा सेक्टर 78, 79 और 150 में आवासीय और वाणिज्यिक क्षेत्रों के साथ विश्व स्तरीय खेल सुविधाएं विकसित करना था।

    Latest articles

    spot_imgspot_img

    Related articles

    Leave a reply

    Please enter your comment!
    Please enter your name here

    spot_imgspot_img